समाज सेवी, साहित्यकार और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी हुकम सिंह राणा का जन्म हरियाणा के करनाल जिले के अमृतपुर कलां गांव के कृषक ठाकुर केसरी सिंह के घर 10 दिसम्बर 1948 को हुआ था। गांव से प्राथमिक शिक्षा लेने के बाद राणा ने अपने गांव के नजदीकी गांव कुटेल से मीडिल शिक्षा ग्रहण की। जिसके लिए उन्हें नित्य तीन किलोमीटर पैदल जाना होता था। सफीदों कस्बे से दसवीं पास करने बाद राणा ने हिन्दू कालेज, सोनीपत से हिंदी में बीए व एमए अंग्रेजी की शिक्षा ग्रहण की व हिन्दू कालेज में ही प्रोफेसर बन गए। एक शिक्षाविद् के तौर पर राणा ने सोनीपत, गोहाना के साथ फरीदाबाद व भिवानी की सरकारी कालेजों में भी छात्रों को पढाया।
1976 में राणा हरियाणा पब्लिक सर्विस के माध्यम में आबकारी व कराधान अधिकारी चुने गए। जहाँ आपने आबकारी कराधान उपायुक्त के पद पर कार्य किया। महत्त्वपूर्ण सरकारी पदों पर अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के आधार पर आप वर्ष 1993 में भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चुने गए और वरिष्ठता के आधार पर आपको आईएएस का 1988 का बैच अलोट हुआ।
आबकारी व कराधान जैसे महत्त्वपूर्ण विभाग व आईएएस अधिकारी के रूप में कार्य करते हुए आप समाज के प्रति संवेदनशील रहते हुए, अपने समाज के उत्थान हेतु सक्रीय रहे वहीं साहित्य क्षेत्र में भी आपने अपनी रूचि बनाये रखी। हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, पंजाबी भाषा पढने के शौकीन राणा ने इन भाषाओं का खूब सारा साहित्य पढ़ा और लिखा। आपने कई मुशायरों व कवि गोष्ठियों में अपनी रचनाएँ पढ़ी व “कल की उम्मीद में” नामक एक पुस्तक भी लिखी। राणा के लिखे कई भजनों को प्रसिद्ध भजन गायक अनूप जलोटा सहित कई गायकों ने स्वर दिए।
तीन साल तक राजपूत प्रतिनिधि सभा हरियाणा के प्रधान रहे राणा वर्तमान में अखिल भारतीय क्षत्रिय फेडरेशन के उपाध्यक्ष है और समाज की विभिन्न संस्थाओं से जुड़े है। साथ ही युवाओं को आईएएस, आईपीएस, बैंक अधिकारी, सैन्य अधिकारी, न्यायिक अधिकारी बनाने हेतु एक कोचिंग सेंटर भी फरीदाबाद में चलाते है। जिसका समाज के कई युवा फायदा उठा चुकें है। राणा साहब का सपना था कि राजपूत युवाओं के लिए एक ऐसा कैरियर कोचिंग सेंटर हो जिसका अपना वल्र्ड क्लास भवन हो, जिसमें युवाओं के लिए आवास व्यवस्था के साथ देश के जाने माने शिक्षाविदों द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई जा सके। प्रसन्नता की बात है कि राणा साहब का यह सपना पूरा होने जा रहा है। राणा साहब व राघोगढ़ राजा दिग्विजय सिंह जी के प्रयासों से पूर्व हरियाणा सरकार से अखिल भारतीय क्षत्रिय फेडरेशन को भवन निर्माण के लिए 2800 वर्ग गज का भूखण्ड मिल चूका है जिस पर छः करोड़ रूपये लागत से भवन निर्माण प्रस्तावित है। जो शीघ्र शुरू होने जा रहा है। राणा साहब के अनुसार भवन निर्माण में समाज बंधुओं की रूचि देखते हुए धन की कोई समस्या आड़े नहीं आएगी।
आबकारी व कराधान जैसे महत्त्वपूर्ण विभाग व आईएएस अधिकारी के रूप में कार्य करते हुए आप समाज के प्रति संवेदनशील रहते हुए, अपने समाज के उत्थान हेतु सक्रीय रहे वहीं साहित्य क्षेत्र में भी आपने अपनी रूचि बनाये रखी। हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, पंजाबी भाषा पढने के शौकीन राणा ने इन भाषाओं का खूब सारा साहित्य पढ़ा और लिखा। आपने कई मुशायरों व कवि गोष्ठियों में अपनी रचनाएँ पढ़ी व “कल की उम्मीद में” नामक एक पुस्तक भी लिखी। राणा के लिखे कई भजनों को प्रसिद्ध भजन गायक अनूप जलोटा सहित कई गायकों ने स्वर दिए।
तीन साल तक राजपूत प्रतिनिधि सभा हरियाणा के प्रधान रहे राणा वर्तमान में अखिल भारतीय क्षत्रिय फेडरेशन के उपाध्यक्ष है और समाज की विभिन्न संस्थाओं से जुड़े है। साथ ही युवाओं को आईएएस, आईपीएस, बैंक अधिकारी, सैन्य अधिकारी, न्यायिक अधिकारी बनाने हेतु एक कोचिंग सेंटर भी फरीदाबाद में चलाते है। जिसका समाज के कई युवा फायदा उठा चुकें है। राणा साहब का सपना था कि राजपूत युवाओं के लिए एक ऐसा कैरियर कोचिंग सेंटर हो जिसका अपना वल्र्ड क्लास भवन हो, जिसमें युवाओं के लिए आवास व्यवस्था के साथ देश के जाने माने शिक्षाविदों द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई जा सके। प्रसन्नता की बात है कि राणा साहब का यह सपना पूरा होने जा रहा है। राणा साहब व राघोगढ़ राजा दिग्विजय सिंह जी के प्रयासों से पूर्व हरियाणा सरकार से अखिल भारतीय क्षत्रिय फेडरेशन को भवन निर्माण के लिए 2800 वर्ग गज का भूखण्ड मिल चूका है जिस पर छः करोड़ रूपये लागत से भवन निर्माण प्रस्तावित है। जो शीघ्र शुरू होने जा रहा है। राणा साहब के अनुसार भवन निर्माण में समाज बंधुओं की रूचि देखते हुए धन की कोई समस्या आड़े नहीं आएगी।
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